अमेरिकी कंपनी की वजह से गंभीर संकट में घिरी गो फर्स्ट, दो विमानों से शुरू हुई थी कंपनी
अमेरिकी कंपनी एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) ने मध्यस्थता फैसले का पालन किया होता तो वाडिया समूह की एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट गंभीर संकट में नहीं फंसती। सिंगापुर मध्यस्थता अदालत ने पीएंडडब्ल्यू को आदेश दिया था कि वह 27 अप्रैल तक कम से कम 10 अतिरिक्त लीज इंजन और दिसंबर 2023 तक प्रतिमाह अन्य 10 अतिरिक्त लीज इंजन कंपनी को देने के लिए सभी उचित कदम उठाए। पीएंडडब्ल्यू ने ऐसा नहीं किया। अगर प्रैट एंड व्हिटनी ने इन निर्देशों का पालन किया होता, तो गो फर्स्ट अगस्त-सितंबर 2023 तक पूर्ण संचालन में वापस आ जाता।
तीन वर्षों में प्रमोटरों ने डाले 3200 करोड़ रुपये
प्रमोटरों ने पिछले तीन वर्षों में एयरलाइन में 3,200 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसमें से 2,400 करोड़ रुपये पिछले 24 महीनों में डाले गए हैं। इस साल अप्रैल में 290 करोड़ रुपये की और राशि डाली गई थी। स्थापना से अब तक 6,500 करोड़ रुपये का निवेश मालिकों ने किया है।
2005 में पट्टे के दो विमानों से शुरू हुई थी कंपनी
वाडिया समूह की कंपनी लंबे समय से पूंजी जुटाने के लिए निवेशकों से बात कर रही है पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है। आईपीओ लाने के लिए भी सेबी के पास मसौदा जमा कराया गया है। गो फर्स्ट एयरलाइन की शुरुआत जेह वाडिया ने 2005 में बिना किसी विस्तृत योजना के शुरू की थी और उस समय दो विमान पट्टे पर लिया था।