आतिशी का बड़ा दावा- दिल्ली में नहीं हुआ कोई शराब घोटाला, कोर्ट की टिप्पणी से हुआ साफ
- मुख्य समाचार
- admin
- May 7, 2023
- 0
- 105
- 3 minutes read
जिस आबकारी घोटाले के आराेप में मनीष सिसोदिया का उपमुख्यमंत्री का पद चला गया है और 26 मार्च से वो जेल में हैं। आम आदमी पार्टी ने इस घोटाले की सच्चाई से पर्दा उठाने का दावा किया है।
आप नेता व कैबिनेट मंत्री आतिशी ने शराब घोटाले को लेकर आज रविवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि छह महीने से ईडी और सीबीआइ शराब घोटाले की जांच कर रही है। पहला आरोप है कि शराब कारोबारियों से 100 करोड़ लिए गए, उसे आम आदमी पार्टी ने गोवा में खर्च किए।
इस मामले में आरोपी राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा को राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को जमानत दे दी है और 85 पेज का आर्डर दिया है, इस आर्डर से साफ हो रहा है कि इस मामले में एक भी पैसे का घोटाला नहीं हुआ है।
“ईडी के पास नहीं कोई सबूत”
ईडी ने पहले 100 करोड़ का आरोप लगाया था, इसके बाद ईडी 30 करोड़ पर आ गई है। आरोप में कहा गया कि राजेश जोशी ने यह पैसा गोवा में पहुंचाया। इस पर कोर्ट ने कहा है कि इसका भी कोई प्रमाण नहीं मिला है। कहा गया कि पैसा हवाला के माध्यम से पर्चियों के माध्यम से लिया गया है। कोर्ट ने कहा है कि इसका कोई सुबूत ईडी के पास नहीं है।
“नहीं हुआ कोई घोटाला, माफी मांगे भाजपा”
दूसरा आरोप है कि 100 करोड़ रुपये गोवा चुनाव में खर्च किया गया है। ईडी ने पूरी जांच कर ली है। मगर पूरी जांच में उन्हें पता चला है कि गोवा चुनाव में केवल 19 लाख रुपये खर्च हुए हैं। इसके बाद अब भाजपा को माफी मांगनी चाहिए, भाजपा एक साल से 100 करोड़ का आरोप लगा रही है।
उन्होंने कहा कि यह साल से पहले भाजपा ने 100 करोड़ का आरोप लगाया इसके बाद ईडी ने भी यही आरोप लगाया है। ईडी की कार्रवाई के बारे में इस तरह भी पता चलता है कि मनीष सिसोदिया ने 14 फोन तोड़ दिए, मगर इस बारे में भी पता चलता है कि इसमें से सात फोन ईडी और सीबीआइ के पास ही हैं। कोर्ट की टिप्पणी के बाद साफ है कि कोई घोटाला नहीं हुआ है।
केजरीवाल से भी हुई थी पूछताछ
उल्लेखनीय है कि आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया समेत कई हाई-प्रोफाइल लोग जेल में हैं। साथ ही जांच एजेंसी ने बीते महीने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी पूछताछ के लिए बुलाया था, जहां उनसे करीब 9 घंटे लंबी पूछताछ की गई थी।
आबकारी नीति में हुई अनियमितता: जांच एजेंसी
ईडी और सीबीआइ का आरोप है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ और कम किया गया। इसके अलावा सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना एल-1 लाइसेंस बढ़ाया गया। जांच एजेंसियों ने कहा कि लाभार्थियों ने आरोपी अधिकारियों को “अवैध” लाभ दिया और उनकी खाता बही में गलत प्रविष्टि की गई।
बता दें कि 4 मई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था। वहीं, सीबीआइ इस मामले में चार्जशीट पहले ही दाखिल कर चुकी है।