जाति जन-गणना पर रोक से पहले CM नीतीश कुमार ने कहा- इक्का-दुक्का छोड़ कोई विरोध नहीं
बिहार में जातीय जन-गणना पर रोक लगा दी गई है। पटना हाईकोर्ट 3 जुलाई को इस मामले में फिर सुनवाई करेगी। तब तक के लिए इसपर रोक लगा दी गई है। वहीं हाईकोर्ट के डिसिजन से पहले गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार से मीडिया ने जाति जन-गणना को लेकर सवाल पूछा। इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि सबका जाति गिनती भी हो जाए, आर्थिक स्थिति की भी जानकारी मिल जाए। किसी भी जाति या समुदाय का हो। हमलोगों तो सबके हित में गणना कर रहे हैं। कोई कैसे विरोध कर रहा, यह समझ नहीं आ रहा है। इसका मतलब लोगों को मौलिक चीज की समझ नहीं है।
अंग्रेजों के जमाने में तो जातीय गणना होती ही थी
गणना की डिमांड काफी दिन से हो रहा था। अंग्रेजों के जमाने में तो जातीय गणना होती ही थी। 1931 में यह गणना बंद हो गई। अब तो जो हर 10 साल पर भी होता था, वह भी नहीं हो रहा। जो गिनती देश में होती है, इसमें अल्पसंख्यक समुदाय और उनकी अलग-अलग जातियों की भी गिनती होती है। इसके अलावा अनुसूचित जाति-जनजाति की भी गिनती होती है। अब इतने लोगों की गिनती होती है तो हमलोगों ने कहा कि सब जाति की गिनती हो जाए चाहे वह पिछड़ा हो या ऊंची जाति के हों। अगर गणना हो जाए तो इससे नुकसान किसको है। सबके हित में हो रहा है। कोई किसी भी जाति का हो या किसी भी धर्म का हो, बिहार सरकार उनकी आर्थिक स्थिति की सुधार के लिए पहल कर रही है। इक्का-दुक्का को छोड़कर कोई विरोध नहीं कर रहा है। हम तो सबलोगों की राय से इसकी शुरुआत किए हैं। सबलोगों की सर्वसम्मति से सदन से यह पास किया गया। नौ पार्टियों की इसमें सहमति है।
वर्ष 2011 में एक अलग से जाति आधारित जनगणना की गई थी
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 में जनगणना होनी चाहिए थी लेकिन नहीं हुई। यह हर दस वर्ष पर होती है लेकिन पहली बार दस वर्ष पर नहीं हुआ है। वर्ष 2011 में एक अलग से जाति आधारित जनगणना की गई थी लेकिन उसको जारी नहीं किया गया। हमलोगों ने वर्ष 2019 में ही विधानसभा और विधानपरिषद् दोनों हाऊस से सर्वसम्मति से ये पारित किया कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए । हमलोगों ने केंद्र से दो-दो बार ऐसी मांग की। इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री से भी मिले लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला और वहां से कहा गया कि आपलोगों को करना है तो अपना कीजिए। फिर हमने सभी पार्टी के लोगों के साथ मिलकर मीटिंग की और सभी पार्टी ने ये तय किया कि जाति आधारित गणना हो। यह सबलोगों की राय से किया जा रहा है।
पटना हाईकोर्ट ने जाति आधारित जन-गणना पर लगाई रोक
बिहार में जाति आधारित जन-गणना पर पटना हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। तीन जुलाई को अगलगी सुनवाई होगी, तब तक किसी भी तरह के रिपोर्ट बनाने पर रोक लगा दी गई है। यह आदेश गुरुवार दोपहर ढाई बजे के बाद चीफ जस्टिस की बेंच ने सुनाया। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट अभिनव श्रीवास्तव और दीनू कुमार और बिहार सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने अपना-अपना पक्ष रखा।