निगम के पास पैसे की कमी नहीं, अब विकास कराए नई सरकार, जल्द मेरठ में खुलेगा ETM सर्विस सेंटर
मेरठ नगर निगम में पैसे की कोई कमी नहीं है। यदि अब भी विकास नहीं होता तो यह अधिकारियों की लापरवाही होगी।
युवक पर छात्रा को गायब करने का आरोप
परिजनों का आरोप है कि चार दिन पूर्व छात्रा किसी काम से बाहर गई थी लेकिन घर नहीं लौटी। बुधवार को परिजनों ने तहरीर में युवक पर छात्रा को गायब करने का आरोप लगाया। पुलिस ने युवक और उसके दोस्त को थाने लाकर पूछताछ की लेकिन उसने इस बारे में अनभिज्ञता जताई। कंकरखेड़ा थाना प्रभारी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
पुलिस 20 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाल चुकी है, जिससे यह पता चल सके कि 11 मई को घर से निकलने के बाद प्रमोद कहां-कहां रहा और यहां तक कैसे पहुंचा। उसकी मौत स्वाभाविक थी या फिर कोई अन्य कारण था, यह जानने के लिए हर बिंदु पर बारीकी से जांच की जा रही है। बृहस्पतिवार को भी पुलिस ने कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। मेडिकल थाना प्रभारी ने बताया कि जांच चल रही है।
सराफा कारोबारी समेत कई पर करोड़ों की ठगी का केस दर्ज
अधिवक्ता ने बताया कि उनकी पत्नी प्रेमा और बेटे अंकित सैन ने कई लोगों के साथ मिलकर रियल एस्टेट के कारोबार के लिए पार्टनरशिप की थी। जिसका नाम साधना एंटरप्राइजेज रखा गया। फर्म की तरफ से सभी साझीदारों ने मिलकर साकेत में अपार्टमेंट्स का निर्माण कराया था। निर्माण पूरा होने के बाद दूसरे साझीदारों में लालच आ गया।
जिन्होंने अवैध तरीके से फ्लैट बेचने शुरू कर दिए। अधिवक्ता का कहना है कि सितंबर 2022 में वह अपनी पत्नी के साथ कनाडा गए थे। वहां से एक महीने बाद लौटे। पता चला कि दूसरे साझीदारों ने उनकी पत्नी के फर्जी हस्ताक्षर कर खाते से एक करोड़ दो लाख रुपये निकाल लिए और साधना एंटरप्राइजेज के नाम से दूसरे बैंक में खाता खोल दिया।
विरोध करने पर जातिसूचक शब्द कहे और जान से मारने की भी धमकी दी। बेचे गए फ्लैटों के करीब चार करोड़ रुपये भी नहीं दिए। कोर्ट के आदेश पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने साकेत निवासी राकेश प्रकाश अग्रवाल, लालकुर्ती निवासी सर्राफ सत्यप्रकाश अग्रवाल, विनिता अग्रवाल, दिनेश गुप्ता और शाखा प्रबंधक अर्जुन कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
ये बोले सराफा कारोबारी
राकेश प्रकाश अग्रवाल का कहना है कि जो भी आरोप लगाए गए हैं, वह बेबुनियाद हैं। उन्हीं की तरफ से चेक दिया गया था, जिस पर रुपये निकाले गए थे। यह केस पूरी तरह से फर्जी है। पहले इन्होंने थाने में शिकायत दी थी, लेकिन जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला था। अब कोर्ट के माध्यम से केस दर्ज करा दिया। हर जांच के लिए तैयार है। जांच में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।