प्रोजेक्ट संजय और प्रोजेक्ट अवगत से सेना बनेगी आधुनिक और ज्यादा मारक, जानिए क्या होंगे बदलाव
- मुख्य समाचार
- admin
- May 6, 2023
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बदलते वक्त और बढ़ती चुनौतियों को बीच भारतीय सेना को आधुनिक बनाने की तैयारी चल रही है। इसी के तहत सेना कई ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जिनके पूरा होने के बाद हमारी सेना आधुनिक, ज्यादा मारक हो जाएगी। बता दें कि साल 2023 इस लिहाज से अहम होने जा रहा हैं क्योंकि इस साल सेना में कई तकनीकी बदलाव होने की संभावना है, जिसमें युद्ध क्षेत्र में सर्विलांस सिस्टम को बेहतर बनाने, प्रोजेक्ट ई-सिटरेप, प्रोजेक्ट अवगत और प्रोजेक्ट अनुमान आदि शामिल हैं।
2023 बदलाव का साल
साल 2023 को सेना ‘बदलाव के साल’ के तौर पर मना रही है। इसके तहत कई ऐसे प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है, जिससे सेना को नई तकनीक से लैस किया जाएगा और इससे सेना की क्षमताओं में तगड़ा इजाफा होगा। जिन प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है, उनमें अहम है प्रोजेक्ट संजय। इस प्रोजेक्ट के तहत बड़ी संख्या में सेंसर्स का एकीकरण किया जाएगा और फील्ड फॉर्मेशन के लिए सर्विलांस सेंटर स्थापित किए जाएंगे। साथ ही इन्हें आर्टिलरी कॉम्बैट कमांड एंड कंट्रोल एंड कम्यूनिकेशन सिस्टम (ACCCS) से जोड़ा जाएगा। जिससे कमांडर्स और अन्य स्टाफ ज्यादा बेहतर तरीके से सेना का एकीकृत सर्विलांस कर सकेंगे।
इस प्रोजेक्ट के ट्रायल लगभग पूरे हो चुके हैं और देश के अलग-अलग भूभाग में इसका सफल ट्रायल किया जा चुका है। माना जा रहा है कि दिसंबर 2025 तक इसे सेना में शामिल कर लिया जाएगा। BEL गाजियाबाद ने इस प्रोजेक्ट को तैयार किया है। एक कार्यक्रम के दौरान सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने सेना में किए जा रहे तकनीकी बदलावों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे सेना ज्यादा तकनीक आधारित, आत्मनिर्भर, युद्ध के लिए तैयार बनेगी। साथ ही यह भविष्य की चुनौतियों से निपटने में भी मददगार होगी।
सेना जिन अन्य प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, उनमें SAMA(Situational Awareness Module for the Army), सेना का कॉम्बैट इंफोर्मेशन डिसिजन सपोर्ट सिस्टम शामिल है। इससे सेना में युद्धक्षेत्र में परिस्थिति को लेकर ज्यादा जागरुकता और समझ बढ़ेगी, जिससे युद्धक्षेत्र में होने वाले नुकसान को कम से कम किया जा सकेगा। सूत्रों के अनुसार, सामा प्रोजेक्ट को इसी महीने फील्ड सत्यापन के लिए कॉर्पस जोन में शुरू कर दिया जाएगा। इनके अलावा प्रोजेक्ट E-Sitrep (Situational Reporting Over Enterprise-Class GIS Platform), प्रोजेक्ट Avgat’ (Army’s Own Gati Shakti) और प्रोजेक्ट Anumaan को भी जल्द सेना में शामिल करने की तैयारी हो रही है।