भस्म आरती में रोज भाग लेते हैं 1800 श्रद्धालु, इनमें आम लोगों के लिए आधे स्लॉट भी नहीं
महाकालेश्वर मंदिर में सशुल्क दर्शन में भस्म आरती की व्यवस्था का भी विरोध हो रहा है। भस्म आरती में रोज 1800 श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाता है। इसमें भी 1100 श्रद्धालु तो सरकारी प्रोटोकॉल के ही होते हैं। यानी 60 फीसदी से अधिक स्लॉट तो वीआईपी भक्तों के लिए ही रहता है। ऑनलाइन बुकिंग का हाल यह है कि आज बुक कराने जाओ तो अगले महीने का स्लॉट मिलेगा। वह भी किस्मत अच्छी रही तो, वरना भस्म आरती में शामिल होना तो सिर्फ वीआईपी की किस्मत में है।
मुफ्त में नहीं हो सकते भस्म आरती में शामिल
महाकाल समिति ने दर्शन के लिए सशुल्क व्यवस्था की है। इसके तहत भस्म आरती में भाग लेने के लिए 200 रुपये, शीघ्रदर्शन के लिए 250 रुपये और गर्भगृह तक जाने के लिए 750 रुपये लिए जा रहे हैं। यानी आप मुफ्त में भस्म आरती में शामिल नहीं हो सकते।
संत समाज कर रहा विरोध
इस व्यवस्था का संत समुदाय विरोध कर रहा है। कुछ संतों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक को पत्र लिखकर शिकायत की है, लेकिन अब भी कोई निराकरण नहीं निकला है। भस्म आरती के लिए अगर कोई आम भक्त पैसा देना चाहे तो भी उसके लिए स्लॉट बुक कर पाना आसान नहीं है। अब तक रेलवे का टिकट बुक करना ही मुश्किल माना जाता था, लेकिन भस्म आरती का स्लॉट बुक करवाना तो और भी मुश्किल है।
क्यों खास है भस्म आरती
महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल ही एक ऐसे ज्योतिर्लिंग हैं जहां सुबह चार बजे भस्म से आरती होती है। इसकी खासियत यह है कि इसमें बाबा महाकाल निराकार से साकार स्वरूप में आकर भक्तों को दर्शन देते हैं। इसकी ख्याति ऐसी है कि पिछले दिनों विराट कोहली और अनुष्का शर्मा जब भस्म आरती में शामिल हुए तो उनके फोटो-वीडियो खूब वायरल भी हुए थे।
ऐसे होती है भस्म आरती के लिए बुकिंग
श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती रोज होती है। महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के मुताबिक रोज 1800 श्रद्धालु भस्मआरती में शामिल होते हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया से 400 श्रद्धालु आते हैं, जबकि ऑफलाइन प्रक्रिया से 300 श्रद्धालु। शेष 1100 स्लॉट प्रोटोकॉल से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए हैं यानी वीआईपी भक्तों के लिए। आम भक्तों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया ही उपलब्ध है। इसमें भाग लेने के लिए आधी रात को वेबसाइट www.shrimahakaleshwar.com पर बुकिंग शुरू होती है। लिंक आधी रात को खुलती है और कुछ ही सेकंड्स में स्लॉट बुक हो जाते हैं। ऑफलाइन के 300 सीटों की बुकिंग के लिए अलसुबह लाइन में लगना होता है। एक फॉर्म पर पांच लोग शामिल हो सकते हैं। फॉर्म हासिल करना मुश्किल है। समस्या यह है कि बुकिंग के समय श्रद्धालुओं का काउंटर पर उपस्थित होना जरूरी होता है।