• November 8, 2024

मनी लॉन्ड्रिंग का खौफ, फिर भी सोना 5 लाख महंगा, एक किलो खरीदने पर चुकाने होंगे इतने रुपये

 मनी लॉन्ड्रिंग का खौफ, फिर भी सोना 5 लाख महंगा, एक किलो खरीदने पर चुकाने होंगे इतने रुपये
दो हजार रुपये के नोट चलन से बाहर करने के एलान के बाद सोना-चांदी पर ”प्रीमियम” एक बार फिर बढ़ गया है। दो हजार रुपये के नोटों के एवज में बिना बिल का सोना खरीदने पर पांच लाख रुपये ज्यादा का भाव खुला है। यानी नंबर एक से एक किलो सोना खरीदने पर करीब 63 लाख रुपये चुकाने होंगे, कैश देकर सोना खरीदने में 68 लाख रुपये देने होंगे।

इसी तरह एक किलो चांदी का बाजार भाव 74,500 रुपये है, लेकिन कैश देकर खरीदने में 80 हजार रुपये चुकाने होंगे। हालांकि तमाम सराफा व्यापारी पिछली नोटबंदी के अनुभव और मनी लॉन्ड्रिंग के डर से कैश खरीदने से बच रहे हैं।

लखनऊ, कानपुर, मथुरा, आगरा, नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली सहित अन्य बड़े शहरों में दो हजारी पर पाबंदी की खबर फैलते ही अलग अलग रेट खुलने लगे। शनिवार सुबह माहौल शांत था, लेकिन दोपहर होने तक सोना-चांदी की कैश खरीद के भाव खुल गए। सोने में जहां पांच लाख रुपये बढ़े, वहीं चांदी में 5,500 रुपये किलो का प्रीमियम था। हालांकि बाजार में कैश देकर गहने खरीदने वाले ग्राहक नाममात्र के ही आए।

वेट एंड वॉच की स्थिति में ग्राहक और व्यापारी
एक बड़े सराफा व्यापारी ने बताया कि बाजार भाव से ज्यादा पर सोना खरीदने वाले अभी नहीं आए हैं। दरअसल, ग्राहक व व्यापारी दोनों अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। वहीं, कैश देकर सोना खरीदने वाले सभी ग्राहकों का पैसा कालाधन नहीं माना जा सकता। उन्होंने बताया कि एक परिवार के पास 8 लाख रुपये के नोट दो हजार रुपये के हैं। आरबीआई के मुताबिक एक बार में एक खाते में दो हजार के केवल दस नोट ही जमा किए जा सकेंगे।

ऐसे में उस परिवार को अपनी रकम खाते में जमा करने के लिए 40 बार बैंक शाखा की लाइन में लगना पड़ेगा। इस झंझट से बचने के लिए ज्यादा भाव में सोना खरीदना उन्हें बेहतर रास्ता दिख रहा है। वैसे भी पिछली नोटबंदी में 29 लाख रुपये किलो का सोना 60 लाख रुपये किलो में खुलकर बिका था। दोगुना कीमत के बाद भी आज वो फायदे में हैं क्योंकि सोना करीब 63 लाख रुपये किलो हो गया है।

260 से ज्यादा सराफा व्यापारी आज भी घेरे में
पिछली नोटबंदी में प्रदेश के 260 से ज्यादा सराफा व्यापारी पुरानी करेंसी से सोना खरीदने में फंस गए थे। दरअसल 8 से 11 नवंबर 2016 के बीच केवल तीन दिन में उनकी बिक्री अपने सालाना टर्नओवर से दोगुना ज्यादा हो गई थी। इनमें से 28 सराफा व्यापारी ईडी के चंगुल में फंसे हैं, जिन्होंने 100 करोड़ से 300 करोड़ रुपये महज सात दिन में खाते में जमा कर दिए थे। ग्राहकों का नाम और पता भी नहीं बता पाए थे। रही-सही कसर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट ने पूरी कर दी है। बिना नाम-पते के 50 हजार से ज्यादा गहने देने पर इस एक्ट के चंगुल में फंसने का खतरा है।

ज्वैलरी फेडरेशन ने सराफा व्यापारियों दी सलाह
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने सराफा व्यापारियों को सलाह दी है कि भविष्य में किसी झंझट से बचने के लिए सावधानी बरतें।
-दो हजार के नोटों में खरीद करने वाले ग्राहक से बिल पर नोटों की संख्या लिखकर नाम-पते के साथ हस्ताक्षर जरूर कराएं।

-ग्राहक के आधार और पैन कार्ड की फोटोकॉपी लें।
-बैंक खाते में दो हजार के नोट जितने जमा किए हैं, उनकी संख्या क्रॉस चेक जरूर करें।

-बिल और बैंक रसीद कम से कम छह साल तक सुरक्षित रखें।

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