रूस से तेल खरीदकर यूरोप में निर्यात करना गलत’, यूरोपीय संघ के नेता ने की भारत के खिलाफ कार्रवाई की मांग
भारत पिछले एक साल से रूस से बड़े पैमाने पर कच्चा तेल खरीद रहा है और डीजल, रिफाइंड ईंधन के तौर पर यूरोप को निर्यात कर रहा है। यूरोपियन संघ के विदेश और सुरक्षा नीति प्रमुख जोसफ बोरेल का मानना है कि संघ को रूस के तेल को डीजल और रिफाइंड ईंघन के रूप में यूरोप को बेचने के लिए भारत पर कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्हें पता था कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीद रहा है और इसे ईंधन में संसाधित कर यूरोप में बिक्री कर रहा है। यूरोपीयन संघ को अब इसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
बोरेल ने कहा- “अगर रूसी तेल से निर्मित डीजल और गैसोलीन भारत के जरिए यूरोप आता है तो यह निश्चित रूप से प्रतिबंधों का उल्लंघन है। इसके लिए अब सदस्यों राज्यों को हल निकालना होगा।”
ब्रसेल्स में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक से पहले उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा की थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जयशंकर ने कहा- “परिषद के नियम के अनुसार मेरी समझ में यह है कि यदि रूस का कच्चा तेल किसी दूसरे देश में पर्याप्त रूस से परिवर्तित किया जाता है तो फिर उसे रूसी नहीं माना जा सकता है।”
भारतीय रिफाइनरों ने दिसंबर-अप्रैल के बीच यूरोप में करीबन 284,000 बैरल प्रति दिन (बीपीडी) पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात किया है। यह एक साल पहले से लगभग 170,000 बीपीडी अधिक है।