श्रमिक दिवस पर श्रमिक ने जान देकर बताया आज भी श्रमिकों कि है दुर्दशा!
नोएडा
श्रमिक दिवस पर श्रमिक ने जान देकर बताया आज भी श्रमिकों कि है दुर्दशा!
रिपोर्ट :- योगेश राणा
नोएडा:- कहने को तो 1-मई को अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह विशेष दिन श्रमिकों को समर्पित होता है क्योंकि यह दिन मजदूरों व श्रमिक वर्ग की उपलब्धियों को और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान को सलाम करने का दिन होता है लेकिन अलीगढ़ निवासी श्रमिक डिंपल (उम्र-24 वर्ष) एवंम उनके परिवार के लिए इस से बड़ा काला दिवस कोई और नहीं हो सकता है। बता दें कि श्रमिक डिंपल एक निजी कंपनी में कार्यरत था पिछले तीन महीने से उसे कोई मानदेय नहीं दिया गया था जिस कारण डिंपल के खाने के भी लाले पड़ गए थे और इस के लिए पिछले तीन महीने से कम्पनी के चक्कर लगाने के लिए मजबूर था मगर कंपनी संचालक के आतंक से तंग आकर उस ने मौत को गले लगा लिया मगर मरने से पहले 24 वर्षीय डिंपल ने अपने परिवार वालों के नाम एक खत लिखा है जिसमें डिंपल ने लिखा है कि “मेरी मौत के लिए जिम्मेदार मेरी कम्पनी है आगे डिंपल ने अपने भाई को समझाते हुए बड़ी मार्मिक बात लिखी है डिंपल अपने भाई के लिए कहते हैं कि भाई तुम मेरे लिए चिंता मत करना तूम बस घर वालों का ध्यान रखना क्योंकि परिवार वाले के आगे पिदे तू ही है और तू अपनी पढ़ाई लिखाई पर ध्यान देना और तेरा फॉक्स सरकारी नौकरी पर होना चाहिए क्योंकि तेरा भविष्य सरकारी नौकरी में हैं और परिवार का भी आई लव यू मम्मी पापा और पूरी फैमिली अंतिम में लिखा कि मेरी बॉडी का पोस्टमार्टम मत करवाना” इतना लिखने के बाद जहर खा लिया अब अगर हम बात करें तो नियमों की तो कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जहां किसी श्रमिक का मानदेय रोका जाए और डिंपल के साथ जो हुआ वह सभ्य समाज के मुंह पर तमाचा है बड़ी बात यह है कि देखना होगा की जिम्मेदार लोग अपनी जिम्मेदारी कितनी ईमानदारी से निभाते हैं। वही इस मामले में हमने कोतवाली 58 के प्रभारी से बात की तो उन्होंने बताया कि इस मामले में गहनता से जांच चल रही है साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई होगी।