भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम पर निकले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को बीजू जनता दल (बीजेडी) प्रमुख और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वह 11 मई को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई जाएंगे। उनकी योजना गुरुवार को मुंबई में एनसीपी के मुखिया शरद पवार और शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने की है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद इस महीने के तीसरे सप्ताह में पटना में विपक्षी दलों की बैठक बुलाने की भी योजना है। नीतीश कुमार शरद पवार और उद्धव ठाकरे को बिहार में होने वाली बैठक के लिए आमंत्रित भी कर सकते हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छह मई को शरद पवार और उद्धव ठाकरे से फोन पर भी बात की थी। बिहार के सीएम नीतीश कुमार की शरद पवार और उद्धव ठाकरे से फोन पर बातचीत से पहले बिहार विधान परिषद के चेयरमैन और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) नेता देवेश चंद्र ठाकुर ने मुंबई में दोनों नेताओं से मुलाकात की थी।
पटनायक से मुलाकात अहम
बीजेडी ने अब तक विपक्षी एकता की मुहिम से खुद को दूर रखा है। ऐसे में मंगलवार को नीतीश-पटनायक की मुलाकात अहम मानी जा रही है। जदयू सूत्रों का कहना है कि पवार से मुलाकात के बाद पटनायक के अलावा बीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव को साधने की रणनीति तैयार होगी। जरूरत पड़ने पर खुद पवार इन नेताओं से संपर्क साधेंगे।
हेमंत सोरेन से भी मुलाकात की संभावना
जदयू सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार के पूर्वाह्न में भुवनेश्वर के लिए रवाना होने और शाम तक उनके वापस पटना लौटने की संभावना है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने पुष्टि की कि बैठक मंगलवार दोपहर को होगी। पटनायक के साथ नीतीश की मुलाकात की अटकलें काफी समय से चल रही हैं। जदयू नेताओं ने कहा कि कुमार के झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने के लिए उसी दिन रांची जाने की भी संभावना है।
“विपक्षी एकता अभियान” पर नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री ने पिछले साल केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ लिया था। वह 2024 के लोकसभा चुनाव में भगवा पार्टी को हराने के लिए “विपक्षी एकता अभियान” के तहत कई स्थानों का दौरा कर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। हाल ही में नीतीश कुमार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से बातचीत की थी।
इससे पहले उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित अन्य लोगों से मुलाकात की थी। नीतीश कुमार की तरह देश के किसी भी राज्य के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्रियों में से एक पटनायक भी भाजपा के पूर्व सहयोगी रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस और भाजपा से समान दूरी बनाए रखने की नीति अपनाई है।
नीतीश कुमार ने जब ममता बनर्जी से मुलाकात की थी, तो उन्होंने उनसे बिहार में भाजपा के विरोध में देश भर के नेताओं की एक बैठक बुलाने के लिए कहा था। नीतीश ने संकेत दिया है कि ऐसी बैठक कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद हो सकती है। गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा के लिए बुधवार को मतदान होगा जिसके लिए जारी चुनाव प्रचार सोमवार को थम गया।