Even after 72 hours in the case of Ashala businessman suicide, the main accused is away from the grip of the police.
असलहा व्यापारी आत्म हत्या के मामले मे 72घंटे बाद भी मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर,
रिपोर्ट :- सत्येन्द्र सिंह
बलिया -भाजपा नेता यह बताने मे लगे हैं कि आरोपियों का भाजपा से नाता नहीं है लेकिन शहर मे लगे होर्डिंग इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि शहर मे सुदखोरी के मकड़ जाल मे फास कर व्यापारियों को घर से बेघर करने वाले कम रुतबे वाले नहीं हैं।
बलिया के भाजपा नेता इस बात से बेखबर हैं कि आरोपी भाजपा से जुड़े हैं। अजीब बात हैं एक आरोपी को सदस्यता दिलाने मे प्रदेश अधक्ष रहे लक्षिमी कांत बाजपेई और तत्कालीन शिक्षा मंत्री एवं डिप्टी सीएम खुद रहे तो दूसरे कि होर्डिंग मे खुद सांसद महोदय हैं।
एक तस्वीर मे भाजपा के दिग्गज नेता शैलेन्द्र सिंह पप्पू को भाजपा की सदस्यता दिला रहे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा बगल मे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मी कांत बाजपेयी हैं तो वही दूसरे आरोपी देव नरायण सिंह उर्फ पुना सिंह दुबहड़ ब्लाक प्रमुख के पति हैं। जिनकी होर्डिंग इस बात का सबूत पेस कर रही हैं कि इनकी भाजपा और भाजपा नेता से कितनी गहराई है।
पुरे शहर मे बगैर लाइसेंस के साहूकारी जारी है पर प्रशासन बेखबर है। प्रशासन की चुप्पी ही व्यापारियों पर भारी पड़ रही है।जिसका परिणाम है कि नंदलाल गुप्ता को आत्म हत्या करनी पड़ी।
व्यापारी की लाइव सोसाइट इस बात स्वयं गवाही दे रही है कि कैसे मजबूर हो कर उसने मौत को गले लगा लिया लेकिन बाबा के बुलडोजर के सामने भी 72 घंटे बीतने के बावजूद आरोपी सरेंडर नहीं किये, लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
बलिया पुलिस कि कार्यवाही पर नजर डाली जाये तो पुलिस अपने कार्य मे लगी है इस बात को नजर अंदाज नहीं किया जासकता है तभी तो दो लोगों को पुलिस सलाखों के पीछे धकेलने मे कामयाब हुयी है।