चुनावी सभा में पिछड़े सपा-बसपा और कांग्रेस

निकाय चुनाव में अभी मतदान, मतगणना और हार-जीत बाद की बात है। लेकिन फिलहाल चुनाव प्रचार में भाजपा आगे निकल गई है। दो स्थानों पर सूबे के डिप्टी सीएम की चुनावी सभाएं करा दीं। जबकि अन्य विपक्षी दलों में बड़ी सभाओं के नाम पर सन्नाटा छाया हुआ है। किसी भी दल को बड़े नेता का समय नहीं मिल पा रहा है।
भाजपा रणनीति के तहत सूबे में निकाय चुनाव को भी किसी बड़े चुनाव की तरह पूरी मजबूती से लड़ रही है। संगठन के बड़े पदाधिकारियों से लेकर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री, यहां तक कि उप मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री तक चुनावी सभाएं कर रहे हैं। इसी के तहत 5 मई को एटा और अलीगंज में भी पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने चुनावी सभाएं कर मतदाताओं को एकजुट किया।
वहीं, दूसरे दल अपने मतदाताओं को एकजुट करने के लिए इस तरह की एक भी चुनावी सभा नहीं करा सके हैं। यहां तक कि अभी तक इसकी योजना भी नजर नहीं आ रही। सपा, बसपा, कांग्रेस सहित आप को भी अपनी पार्टी के किसी बड़े नेता का समय एटा में चुनावी सभा करने के लिए नहीं मिल रहा है। जिसके चलते अंदर ही अंदर पार्टी के कार्यकर्ताओं प्रत्याशियों में मायूसी भी है। हालांकि सभी पार्टी के जिलाध्यक्षों का कहना है कि हम स्थानीय स्तर पर चुनाव पूरी मजबूती से लड़ रहे हैं, प्रचार में किसी तरह की कमी नहीं है। अगर कोई नेता आता है तो बड़ी चुनावी सभा भी होगी।