DJJS द्वारा अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर करती एक दिव्य भजन संध्या का एनसीपी, दादरी में भव्य आयोजन।
दादरी गौतम बुद्धनगर
DJJS द्वारा अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर करती एक दिव्य भजन संध्या का एनसीपी, दादरी में भव्य आयोजन।
भारतीय शास्त्रों ने मनुष्यों के लिए योग अर्थात् ईश्वर से एकाकार होने के विभिन्न रूपों के विषय में बताया है, जो मनुष्यों को दिव्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया में जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त करवाने हेतु सहायता करते हैं। इनमें मुख्यतः राजयोग ध्यान केंद्रित करने की क्षमता, ज्ञानयोग- ज्ञान का मार्ग, कर्मयोग- निःस्वार्थ सेवा का मार्ग, भक्तियोग- भावनात्मक और प्रेमपूर्ण भक्ति का मार्ग आदि हैं। सभी मार्गों में से भक्तियोग आत्मसमर्पण के माध्यम से दिव्यता को प्राप्त करने का सहज मार्ग है। भक्ति संगीत हृदय की गहराइयों से प्रस्फुटित हो ईश्वर स्मरण को जागृत करता है। यह आंतरिक प्रसन्नता की सहज अभिव्यक्ति है और इसलिए भक्ति रचनाओं और विचारों द्वारा ईश्वर की भक्ति सहज है।
30 अक्टूबर, 2023 को एनसीपी, दादरी में साँय 6 बजे से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा ईश्वरीय भक्ति, आत्मसमर्पण और कृतज्ञता आदि भावनाओं से पूरित भजन संध्या का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आनंददायक भजनों के साथ साध्वी शैब्या भारती जी एवं संत समाज ने विभिन्न प्रेरणादायक विचारों तथा भक्ति रचनाओं के माध्यम से दिव्यता, दिव्य ज्ञान और दिव्य गुरु आदि विषयों को सभी के समक्ष रखा।
साध्वी जी ने समझाया कि आत्म-साक्षात्कार ईश्वर-प्राप्ति का एकमात्र साधन है। श्रीकृष्ण की मानें तो ‘ब्रह्मज्ञान’ के सूक्ष्म विज्ञान के द्वारा ही स्वयं का मूल्यांकन, विश्लेषण और शुद्धिकरण करके उत्कृष्टता को प्राप्त किया जा सकता है। जब सुमिरन के द्वारा भगवान के शाश्वत नाम का अभ्यास किया जाता है, तो वह अन्तर्निहित दुर्भावनाओं को नष्ट कर मन को उसके विशुद्धतम रूप में प्रकट कर देता है। फिर यही उच्च अवस्था को प्राप्त हुआ विशुद्ध मन दिव्य ऊर्जा का संग कर निराकार सत्ता से जुड़ जाता है। ईश्वर के दिव्य प्रकाश का निरंतर ध्यान करने पर मनुष्य जीवन के समस्त कार्यों को उचित दिशा में निर्देशित करने योग्य क्षमता प्राप्त करता है।
भजन संध्या ने उपस्थित श्रोता सत्य को जानने की जिज्ञासा, ईश्वरीय सौन्दर्य व आत्मिक आनंद के अनुभव हेतु प्रेरित हुए। ईश्वरीय महिमा से ओतप्रोत भजनों व स्तुतियों ने इस मार्ग पर चलने वाले शिष्यों के भीतर निहित प्रमाद की गांठों को खोलने का कार्य किया। यह आयोजन ऐसा शंखनाद रहा जिसने सर्वशक्तिमान ईश्वर व समाज के प्रति मानव के समस्त कर्तव्यों का स्मरण करवाया। इस भजन संध्या ने सभी उपस्थित भक्तों के हृदयों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी।
“भजन संध्या के इस भव्य कार्यक्रम ने उपस्थित भक्तों में अध्यात्म के प्रति रुचि को जागृत किया तथा वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी किया। भक्त श्रद्धालुओं ने अपने हृदयों में ईश्वर के लिए दृढ़ आस्था, विश्वास तथा समर्पित भावों सहित कार्यक्रम स्थल से प्रस्थान किया।