*यूपीएसडीएम लड़कियों को बना रहा है सशक्त, नोएडा में पायलट प्रोजेक्ट के तहत बेटियों को दी गई सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग,अब मनचलों की खैर नहीं, सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग लेकर लड़कियां बनी सशक्त*
नोएडा
*यूपीएसडीएम लड़कियों को बना रहा है सशक्त, नोएडा में पायलट प्रोजेक्ट के तहत बेटियों को दी गई सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग,अब मनचलों की खैर नहीं, सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग लेकर लड़कियां बनी सशक्त*
नोएडा। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन
रिपोर्ट :- योगेश राणा
(यूपीएसडीएम) की ओर से नोएडा के राजकीय आईटीआई और यूपीएसडीएम के कौशल सेंटर के 413 लड़कियों के लिए आयोजित तीन दिवसीय सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ। राजकीय आईटीआई नोएडा सेक्टर-31 और यूपीएसडीएम के इंदिरा गांधी मेमोरियल एजुकेशन सोसाइटी और जैन कॉर्ड इंडस्ट्री आदि में यह प्रशिक्षण दिया गया और संकल्प स्कीम के तहत इस ट्रेनिंग में लड़कियों के आत्मरक्षा के अलग-अलग तकनीक सिखाई गई है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल लड़कियों को चेन अलार्म, सेफ्टी सीटी, स्प्रे और स्टिंगर से युक्त ‘निर्भया किट’ भी दिए गए। इस कार्यक्रम का मकसद लड़कियों को आत्मरक्षा तकनीक और रणनीति सीखाकर उन्हें सशक्त बनाना है। बता दें कि उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (यूपीएसडीएम) ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के 14 जिलों में 10 हजार लड़कियों के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग दिया जा रहा है। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत स्पोर्ट्स, फिजिकल एजुकेशन, फिटनेस एंड लीजर-स्किल्स काउंसिल
(एसपीईएफएल-एससी) की निगरानी में स्किल्ड ट्रेनर लड़कियों को प्रशिक्षण दिया है।यूपीएसडीएम के निदेशक, आंद्रा वामसी ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि आत्मरक्षा तकनीकों को सीखकर, महिलाएं खुद को बचाने और हमलावरों के खिलाफ लड़ने के लिए आत्मविश्वास और कौशल हासिल कर सकती हैं। छह महीने के इस पायलट प्रोजेक्ट
से 10,000 बेटियों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस पायलट प्रोजेक्ट के बाद यूपी के हर जिले के आईटीआई और यूपीएसडीएम के प्रशिक्षण केंद्रों में यह शुरू किया जाएगा। और एसपीईएफएल-एससी के सीईओ तहसीन जाहिद ने कहा कि यह पहल महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इस प्रशिक्षण में उन्हें तकनीक के साथ कौशल भी सीखाए जा रहे है। यह कार्यक्रम दुनिया की कुछ बेहतरीन युद्ध प्रणालियों की सर्वश्रेष्ठ आत्मरक्षा प्रथाओं और तकनीकों पर आधारित है, और शारीरिक एवं मानसिक फिटनेस के महत्व पर केंद्रित है।