• May 19, 2024

ईवी और फ्यूचर टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग पर होगा जोर – एएसडीसी,एएसडीसी का पार्टनर फोरम 2023 का सफलतापूर्वक आयोजन

 ईवी और फ्यूचर टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग पर होगा जोर – एएसडीसी,एएसडीसी का पार्टनर फोरम 2023 का सफलतापूर्वक आयोजन

नोएडा

*ईवी और फ्यूचर टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग पर होगा जोर – एएसडीसी,एएसडीसी का पार्टनर फोरम 2023 का सफलतापूर्वक आयोजन*

रिपोर्ट :- योगेश राणा

नोएडा: ऑटोमोटिव स्किल्‍स डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी) द्वारा रोबोटिक्स और ऑटोमेशन, इंडस्‍ट्री 4.0, इलेक्ट्रिक वाहन और वैकल्पिक ईंधन प्रौद्योगिकी, ऑटोमोटिव स्थिरता और सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित किए हैं। इन क्षेत्रों में युवाओं के स्किल ट्रेनिंग पर जोर दिया जाएगा।‘स्किलिंग द फ्यूचर’ थीम पर आयोजित एएसडीसी पार्टनर फोरम 2023 में यह बातें वीईसीवी के एमडी और सीईओ और एएसडीसी के प्रेसिडेंट श्री विनोद अग्रवाल ने कही।इस कार्यक्रम में भारी उद्योग मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव (ऑटोमोबाइल) डॉ. हनीफ कुरैशी बतौर मुख्‍य अतिथि पहुंचे, जबकि डॉ नीना पाहुजा, कार्यकारी सदस्य, एनसीवीईटी, विनोद अग्रवाल, एमडी व सीईओ, वीईसीवी और प्रेसिडेंट एएसडीसी, व अन्‍य बतौर विशिष्‍ठ अतिथि उपस्थित थे। इस मौके पर एएसडीसी ने ने संकल्‍प स्‍कीम के अधीन ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स और 23 नए कोर्सेज को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया। इस कार्यक्रम में 250 से अधिक इंडस्‍ट्री पार्टनर, अधिकारी, पॉलिसी मेकर्स आदि शामिल हुए। इस कार्यक्रम में कौशल की गुणवत्ता, चैलेंज और महत्व को लेकर तीन विषय पर अलग-अलग सत्र आयोजित किए गए, जिसमें इंडस्‍ट्री पार्टनर ने अपनी राय रखी।बतौर मुख्‍य अतिथि लोगों को संबोधित करते हुए डॉ. हनीफ कुरैशी ने कहा कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल्‍ड लोगों के लिए बहुत सारे अवसर है। इस क्षेत्र में बहुत काम किया जा रहा है, लेकिन और करने की जरूरत है। नई तकनीक के साथ उस क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण देना जरूरी है।इंडस्‍ट्री की बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से ऑटोमोटिव इंडस्‍ट्री के लिए कई तरह की स्कीम जैसे पीएलआई एसीसी, एलआईआई ऑटो और फेम-2 चलाई जा रही है। जिसका मकसद इन मदद के जरिये इंडस्ट्री को वर्ल्ड मार्केट लीडर बनाना है। इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में बहुत सारे अवसर है। इस क्षेत्र में बैटरी की लागत को कम करने पर फोकस किया जा रहा है। बैटरी को हल्‍का और लंबे समय तक चलने वाले बनाने की तकनीक पर काम हो रहा है।

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