• May 2, 2024

हाथी की चाल देख विपक्षी पार्टी लगी घबराने,क्षत्रिय समाज को रूठा देख कुछ राजनीतिक दल खुश तो कुछ परेशान!

 हाथी की चाल देख विपक्षी पार्टी लगी घबराने,क्षत्रिय समाज को रूठा देख कुछ राजनीतिक दल खुश तो कुछ परेशान!

नोएडा

हाथी की चाल देख विपक्षी पार्टी लगी घबराने,क्षत्रिय समाज को रूठा देख कुछ राजनीतिक दल खुश तो कुछ परेशान!


रिपोर्ट :- योगेश राणा

नोएडा: एक तरफ बीजेपी का 400 पार का नारा है तो वहीं दूसरी तरफ सपा को पीडीए प्रेम प्यारा है। तीसरी तरफ बहन जी का हाथी चलता न्यारा है। बता दें कि इस चुनावी महाकुंभ में सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने पूरी की पूरी ताक

झोंक दी है। अगर गौतमबुद्धनगर संसदीय सीट कि बात करें तो गौतमबुद्धनगर लोकसभा उत्तर प्रदेश में अपना एक खास स्थान रखती है क्योंकि उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक राजस्व देने वाला गौतमबुद्धनगर ही है इस लिए इसे उत्तर प्रदेश का शो विंडो भी कहा जाता है और इस लिहाज से यह सीट काफी महत्वपूर्ण हो जाती है‌ इस लिए बीजेपी ने अपनी तरफ से डा‌० महेश शर्मा को मैदान में खड़ा किया है।आपको बता दें कि डाक्टर महेश शर्मा गौतमबुद्धनगर के मौजूदा सांसद भी हैं और तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाने के प्रयास में है।वहीं इंडिया गठबंधन से सपा ने महेन्द्र नागर को उम्मीदवार बनाया है जो कि पैसे से डॉक्टर है। वहीं बीएसपी से राजेंद्र सोलंकी मैदान में खड़े हैं। ऐसे में बीजेपी का गढ़ माने जाने वाला गौतमबुद्धनगर में मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।ऐसे में इस बार यहां दिलचस्प मुकाबला होने के आसार दिख रहें है।गौतमबुद्धनगर लोकसभा क्षेत्र में दूसरे चरण में चुनाव होने वाले है यहां तीनों प्रत्याशी जीत का दावा करते हुए जोर-शोर से जनसंपर्क अभियान में लगे हुए हैं‌।बता दें कि गौतमबुद्धनगर लोकसभा में 3 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिनमें नोएडा, दादरी, जेवर आता हैं इसका अनुमानित क्षेत्र फल 1442 वर्ग किलोमीटर है इसका आधा हिस्सा शहरी में आता है और आधा दिहात में आता है इस लोकसभा सीट की मतदाता की कुल संख्या 23 लाख के करीब है इस सीट पर ठाकुर, ब्राह्मण और गुर्जर जाति का दबदबा ज्यादा है, यह निर्वाचन क्षेत्र 2008 में बना है।

 

 

 

ब्राह्मण व गुर्जर और ठाकुर जाति के लोग करते हैं प्रत्याशी की हार, जीत को तय!

 

 

जातीय समीकरण को भी समझना अहम है क्योंकि आंकड़ों की मानें तो गौतमबुद्धनगर में लगभग 23 लाख वोटरों में करीब करीब 16 लाख वोटर गांव में रहते हैं। इनमें ठाकुर वोटर 4 से 4.5 लाख के करीब हैं। ब्राह्मण वोटरों की तादाद करीब 4 लाख है। मुस्लिम 3.5 लाख, गुर्जर 3.5 से 4 लाख, दलित 3.5 लाख और अन्य वोटर 3 लाख हैं।

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