गाजियाबाद *राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ*
*राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ*
मुकेश भारती सिंघल
राष्ट्रप्रेम ,संस्कृति,संस्कार ,हिंदुत्व के प्रतिजागरूकता सनातन धर्म की प्रचेता ,भारत का सर्वोच्च राष्ट्रीय संगठन है।इसके सर्वोच्च पदाधिकारी को बड़े संतों के समकक्ष प्रतिष्ठा एवं आदर मिलता है ।
लेकिन समझ में नहीं आ रहा कि ऐसा क्या हुआ कि इसने धर्म निरपेक्ष शब्द को भी गौण कर दिया ।हिंदू ,जो सैंकड़ों वर्ष से अत्याचार सह रहा है,जो आज तक जारी हैं ,कट रहा है ,कटने की वीभत्सता कि चार चारसौं वार करके ,तड़पा तड़पा कर मारना ,जैसा राक्षसों के बारे में भी नहीं सुना ,वो तो एक बार में खाकर हड्डियों का ढेर लगा देते थे ,मर रहे हैं ,जो इतना अत्याचार नहीं बर्दाश्त कर सके वो मुसलमान हो गये ,जिन्होंने किया वो बलिदान हो गए ।
आज तक हिंदुओं का बेख़ौफ़ धर्मांतरण हो रहा है या उनका सिर कट रहा है ।
भागवत जी कह रहे हैं कि दूसरा जो करे उसे करने दो ,तुम शांति से रहो ।यही तो गांधी जी भी कहते थे ।भारत चक्रवर्ती सम्राटों की भूमि था अशोक महान से युद्ध की विभत्सता देखी नहीं गई ।उसने अहिंसा परमोधर्म अपनाया और बौद्ध धर्म की स्थापना का परिणाम क्या हुआ ,भारत ग़ुलाम होता चला गया।अहिंसा परमोधर्म का आधा भाग ,हिंसा धर्म तथैव च “हमसे छिपा लिया गया ।सबको मालूम होगा,कि इनसे आतंकित हो कर म्यांमार से बौद्धों ने इन नर पिशाचों को मार कर भगाया ।हिंदू एक दहशतगर्द और मृत क़ौम हो कर रह गई थी ।वो आज भी दहशत गर्द है ।लेकिन अगर उसमें कुछ चेतना के लक्षण दीख रहे हैं तो जिनके ज़िम्मे हिंदू समाज की जागृति थी ,वो इसे सोने की डोज़क्यूँ देना चाहते है ,विस्मयकारक है ।अगर शाखा के नाम पर जाकर झंडा लगा देना,इतिहास गा देना और नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे गीत गा देने से ही सब कुछ हो जाता तो जिस इतने बड़े सागठन को १०० वर्ष होने जा रहे हैं देश की ये दुर्दशा ना रहती ।अब तक तो सारा देश भगवा रंग में रंग गया होता ।
हिंदू बंधुओं हमें अपना व्यक्तिगत नफ़े नुक़सान की अनदेखी कर मोदी और आतंकियों के विनाश को सन्नद्ध योगी का साथ देना होगा। वो क्या कर रहा है , क्यों कर रहा है ,इसके विरुद्ध ना कुछ सुनना है ,ना दिमाग़ लगाना है ।