• May 22, 2025

बजरंग दल के मुद्दे पर फंसी कांग्रेस, खराब गेंद पर BJP का छक्का, जानें विश्लेषकों का मत

 बजरंग दल के मुद्दे पर फंसी कांग्रेस, खराब गेंद पर BJP का छक्का, जानें विश्लेषकों का मत

कर्नाटक में जल्द ही मतदान होना है, ऐसे में कर्नाटक की राजनीति से लगातार खबरें आ रही हैं। कांग्रेस का घोषणा पत्र और उसमें बजरंग दल पर बैन लगाने की बात, उस पर भाजपा का पलटवार, बीते दिनों इसी की चर्चा रही। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस ने आत्मघाती गोल कर दिया है। शुरुआत में बढ़त बनाती दिख रही कांग्रेस अब इस मुद्दे पर घिरती नजर आ रही है। इनके अलावा शरद पवार का इस्तीफा, मणिपुर की घटना भी खूब सुर्खियों में रही….इन अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए इस बार हमारे साथ शुभ्रास्था शिखा, पूर्णिमा त्रिपाठी, सुमित अवस्थी, अशोक वानखेड़े, शिवम त्यागी जैसे विश्लेषक मौजूद रहे।

सुमित अवस्थी
‘कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया है कि भाजपा नेता, मल्लिकार्जुन खरगे और उनके परिवार को मारने की साजिश रच रहे हैं। भारतीय राजनीति में नैरेटिव और इमोशन हमेशा अहम होते हैं। अगर भावनाओं के आधार पर वोटिंग होती है तो खरगे वाला मामला भी क्या भावनात्मक नहीं है। या इसके जरिए कांग्रेस बजरंग दल वाले मामले में संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है? देशभर में कर्नाटक चुनाव में बजरंग दल का मुद्दा छाया हुआ है, लेकिन क्या स्थानीय मीडिया भी इन मुद्दों को उठा रहा है या नहीं, ये भी अहम है। कांग्रेस महिलाओं को भत्ते, पुरानी पेंशन योजना, अमूल नंदनी विवाद और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वोट मांग रही थी तो क्या अब ये मुद्दे मतदाताओं को प्रभावित नहीं करेंगे? भाजपा और कांग्रेस जहां बजरंग बली के मुद्दे पर भिड़ी हुई हैं, वहां जेडीएस किंगमेकर बनकर उभर सकती है।’

शुभ्रास्था शिखा
‘कर्नाटक चुनाव में शुरुआत में कांग्रेस आगे चल रही थी, लेकिन फिर खरगे जी का बयान और उनके बेटे का बयान और कांग्रेस के घोषणा पत्र पर बवाल भाजपा के पक्ष में गया है। इससे चुनाव रोमांचक हो गया है। खरगे पर हमले की बात चुनावी ड्रामा लग रही है और चुनाव के बाद इसका कोई मतलब नहीं रहेगा। भाजपा द्वारा केंद्रीय योजनाओं को खूब प्रचारित किया जा रहा है। ऐसे में चुनाव कांटे का हो गया है। पीएम मोदी बजरंग दल और बजरंग बली का मुद्दा बनाकर मतदाताओं को लामबंद करने की कोशिश कर रहे हैं।’

‘बजरंग दल के मुद्दे पर कांग्रेस फंस गई है और अब नेताओं के बयानों से साफ है कि वह भाजपा के पाले में खेल रहे हैं। खरगे पर हमले की बात हो रही है, लेकिन वह इसके लिए वोटों को एकजुट नहीं कर पा रहे हैं। अगर कर्नाटक चुनाव में स्थानीय मुद्दों पर बात नहीं हो रही है तो यह भाजपा की सफलता है। जिन मुद्दों पर राजनीति हो रही है, उसमें जेडीएस धीरे से कुछ सीटों पर अपनी जगह बना लेगी और किंगमेकर की भूमिका में आ सकती है। हालांकि, सीएम चेहरे को लेकर विरोध हो सकता है। कर्नाटक में बोम्मई की छवि भ्रष्टाचार के चलते बहुत खराब हुई है। भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों में सीएम चेहरे को लेकर काफी मंथन चल रहा है।’

पूर्णिमा त्रिपाठी
‘कांग्रेस ने घोषणा पत्र से एक मुद्दा जरूर भाजपा को थमा दिया है। अब सारे मुद्दों से डिबेट हटकर बजरंग दल पर फोकस हो गई है। भाजपा ने भी इस मामले में हिंदुत्व के मुद्दे को पूरा भुनाने की कोशिश की है। भाजपा के नैरेटिव से कांग्रेस बैकफुट पर दिख रही है। बजरंग दल और बजरंग बली को सामने लाकर कांग्रेस ने अपना नुकसान तो किया है। चुनाव प्रचार के आखिरी समय में ऐसे मुद्दे जनता को प्रभावित कर सकते हैं। कांग्रेस का नुकसान जेडीएस को फायदा पहुंचा सकता है और वह किंगमेकर बन सकती है।’

‘सीएसडीएस के सर्वे के अनुसार, कर्नाटक का वोटर जिन मुद्दों पर वोट करेगा, वो महंगाई और बेरोजगारी है। फिलहाल बजरंग दल जैसे मुद्दों पर भले ही चुनावी माहौल गर्मा रहा हो, लेकिन लोग वोट महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ही कर सकते हैं। बजरंग बली का मुद्दा भाजपा की छटपटाहट दिखाता है। उनके पास गिनाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं थी और यही वजह है कि भाजपा ने बजरंग बली के मुद्दे को लपक लिया है। त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में जेडीएस 2024 के हिसाब से अपना पाला तय करेगी। मुझे लगता है कि नॉन बीजेपी कैंप में रहेगी तो उन्हें ज्यादा फायदा होगा। नॉन बीजेपी कैंप में एचडी देवेगौड़ा काफी आरामदायक महसूस करते हैं। वह कह भी चुके हैं कि वह वामदलों के साथ जाएंगे।’

अशोक वानखेड़े
‘बजरंग दल की जब पीएफआई से तुलना करते हैं तो यह मुस्लिमों का तुष्टिकरण करने की कोशिश है, लेकिन मुस्लिम पहले से ही कांग्रेस के साथ हैं। जेडीएस, ओल्ड मैसूर में कांग्रेस को नुकसान कर सकती है। कांग्रेस ने मुसलमानों को अपने पाले में एकजुट करने में गलती कर दी है। भाजपा को अगर आप खराब गेंद करोगे तो वो छक्का मारेंगे ही। खरगे और उनके बेटे के पीएम मोदी पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करना भी लोगों को पसंद नहीं आया। जब आप मोदी जी को जवाब देने लगते हैं तो समझिए आप आधा चुनाव हार गए। हालांकि अभी भी कांग्रेस की सरकार बन सकती है, लेकिन कांग्रेस ने चुनाव हारने में पीएचडी की हुई है और वह यह बात साबित करने में जुटी है।’

‘कर्नाटक के युवाओं और पढ़े लिखे वर्ग को कानून व्यवस्था, बेहतर सड़कें चाहिए, लेकिन वहां उसकी कोई बात नहीं कर रहा है। भाजपा और कांग्रेस, बजरंग दल पर भिड़ी हुई हैं। भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है और भ्रष्टाचार वहां मुद्दा है और लोग वहां भ्रष्टाचार त्रस्त है। भाजपा कर्नाटक में आक्रामक चुनाव प्रचार कर रही है। अब जब चुनाव नजदीक है तो कांग्रेस कमजोर पड़ती दिख रही है। राजनीति में जब तक नतीजे नहीं आते तब तक आप आश्वस्त नहीं हो सकते।’

‘जेडीएस ने पिछली बार कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था, लेकिन सिद्धारमैया की वजह से वह सरकार गिरी। जेडीएस किसी के पास नहीं जाएगी बल्कि जेडीएस के पास कौन आएगा, यह सवाल है। जेडीएस भाजपा के पास जाती है तो उसे उपमुख्यमंत्री का पद मिल सकता है और पांच साल सरकार चलने की गारंटी होगी, लेकिन कांग्रेस के साथ वह सीएम बन सकते हैं, लेकिन आए दिन झगड़े होंगे।’

शिवम त्यागी
‘खरगे और उनके परिवार को धमकी वाला मुद्दा चुनाव को शायद प्रभावित नहीं करेगा। इस मामले में कानून व्यवस्था अपना काम करेगी। यह देश भावनाओं के आधार पर वोट करता है। इंदिरा गांधी के समय से ऐसा होता आया है। यही वजह है कि बजरंग बली वाला मुद्दा कर्नाटक चुनाव को प्रभावित करेगा। 2014 के बाद से भाजपा हिंदुत्व की राह पर मजबूती से टिकी हुई है और इसे जातिगत राजनीति में टूटने नहीं दिया है। यह भाजपा का मजबूत पक्ष है और अगर आप धर्म पर ही चोट करेंगे तो आपको परेशानी तो होगी… पीएफआई पर गंभीर आरोप लगे हैं। केरल में या दिल्ली के दंगे और राजस्थान के दंगे में भी पीएफआई का नाम आया है। अब चुनाव के समय बैलेंस करने के लिए पीएफआई के साथ बजरंग दल पर बैन की बात करेंगे तो इस पर प्रतिक्रिया होगी।’

‘आज प्रधानमंत्री 24 किलोमीटर का रोड शो कर रहे हैं, भाजपा की चुनावी मशीनरी और जो मेहनत भाजपा करती है, इसका कोई तोड़ नहीं है। चुनाव को लेकर भाजपा जो मेहनत करती है और शिद्दत से चुनाव लड़ते हैं, उसका फिलहाल मुकाबला नहीं किया जा सकता। खुद पीएम जितनी मेहनत करते हैं, वह काबिलेतारीफ है।’

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