संस्था की आड़ में चल रहा है अवैध स्कूल विभाग मौन क्यों

नोएडा
संस्था की आड़ में चल रहा है अवैध स्कूल विभाग मौन नोएडा
नोएडा: विद्यालय जिसे शिक्षा का मंदिर कहा जाता है और जहां पर बच्चों का भविष्य संवारा जाता है और जहां से नौनिहाल शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात देश के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं मगर जब यही विद्या का मंदिर जब अपना अमानवीय चेहरा दिखाने लगे और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने लगे तो सहज ही कल्पना की जा सकती है कि ऐसे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य क्या होगा। ऐसा ही मामला नोएडा के सेक्टर 10 का है जहां दिव्य तरंग एजूकेशन फाऊंडेशन नामक एक संस्था है। जो कि संस्था की आड़ में स्कूल का संचालन कर रही है और इस में पढ़ने वाले बच्चों के परिजनों से मासिक शुल्क भी लिया जा रहा है और अपने पाठकों को बताना चाहेंगे की भारत में प्रारंभिक शिक्षा नॉनप्रॉफिट व्यापार है बल्कि संविधान के अनुसार मौलिक अधिकार भी है। मगर उसके बावजूद दिव्य तरंग एजूकेशन फाऊंडेशन लाभ कामने के उद्देश्य से पूर्ण रूप से एक विधालय का संचालन कर रही है और बड़ी बात यह है कि विधालय बेसिक शिक्षा विभाग से पंजीकृत भी नहीं है और ना ही किसी बोर्ड से मान्यता प्राप्त है मगर इस के बावजूद विधालय का संचालन हो रहा है। जिस प्रकार दृष्ट राष्ट्र के आंखों पर पुत्र स्वार्थ की पट्टी बंधी थी उसी प्रकार शिक्षा विभाग की आंखों पर निजी स्वार्थ पट्टी बंधी होने के कारण कुछ दिखाई नहीं पड़ रहा है और ऐसे अनेकों स्कूल धड़ल्ले से चल रहे हैं। अगर हम बात उत्तर प्रदेश सरकार की करें तो प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने शिक्षा विभाग को पहले ही स्पष्ट आदेश दिए हुआ है कि उत्तर प्रदेश में अपंजीकृत एवं अवैध विधालय के संचालन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाए क्योंकि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की छुट किसी को भी नहीं दी जा सकती है और शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित करें कि शत प्रतिशत पंजीकृत विद्यालयों का ही संचालन हो और जो विभाग से पंजीकृत ना हो तो ऐसे विद्यालयों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए थे और इसी आदेश के अनुपालन में शिक्षा निदेशक विजय किरण आनंद ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सख्त दिशानिर्देश जारी किए थे और ऐसे विद्यालयों की सूची तैयार कर शासन को भेजने के लिए आदेशित किया गया था जिस के क्रम में नोएडा की बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी ब्लाक के सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारियों को यह आदेश दिया था कि सप्ताह के प्रत्येक शुक्रवार को ऐसे विधालय को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार कर बेसिक शिक्षा विभाग एवं शासन को भेजी जाएगी मगर और इस में यह भी उल्लेखनीय किया जाना था कि अब तक कितने अवैध स्कूलों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई और कितने विधालय बंद कराएं गए मगर इस दिशा में विभाग ने क्या कार्रवाई की यह किसी से छिपा नहीं है। *और आपको बता दें कि इसी स्कूल की एक घटना सामने आई है दिनांक 13/03/2023 दिन सोमवार को कक्षा 1 में पढ़ने वाले बच्चे लड्डू को टीचर ने बेरहमी से पीटा है और उसकी हाथ के बाजू पर चोट के निशान साफ देखे जा सकते हैं आप सोच सकते हैं ऐसी संस्था या कहें स्कूल बच्चों के मन में शिक्षा के मंदिर के लिए क्या धारणा स्थापित कर रहे हैं और अब यह देखना होगा कि इस मामले में विभाग क्या कार्रवाई करता है।*
*भविष्य के साथ साथ सुरक्षा मानकों पर भी खरे नहीं उतरते अवैध विधालय* – ऐसे विधालय का संचालन करने वाले लोग चंद्र रुपए के लालच में भविष्य के साथ तो खिलवाड़ कर ही रहे हैं और नौनिहाल बच्चों की जिंदगी से भी खिलवाड़ कर रहे हैं क्योंकि ऐसे विधालय में नौनिहाल बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था के भी कोई इंतजाम नहीं है और ना आपातकाल स्थिति से निपटने के लिए कोई व्यवस्था है। और इन नौनिहाल की जिंदगी भी राम भरोसे हैं।
*इस संबंध में डीआईओएस वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि ऐसे स्कूल को बंद कराने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित कर ऐसे स्कूल के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और साथ ही साथ ₹100000 के जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा और इस दिशा में 1 अप्रैल से जनपद में विशेष अभियान भी चलाया जाएगा-जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मवीर चौधरी*
*पुलिस महानिदेशक फायर सर्विस के दिशानिर्देश पर बिना फायर एनओसी के चल रहे स्कूल, हॉस्पिटल, मौल आदि के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है। और शीर्ष इस की भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी – मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रदीप कुमार दुबे*