• May 20, 2024

अवैध तरीके से चल रहे स्कूल पर विभाग मौन क्यों

 अवैध तरीके से चल रहे स्कूल पर विभाग मौन क्यों

अवैध तरीके से चल रहे स्कूल पर विभाग मौन क्यों

धीरेन्द्र अवाना
नोएडा।प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद भी गौतमबुद्ध नगर जिले में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के संचालन पर रोक नही लग पा रही है।सरकार के सख्त आदेशों के बाद भी ऐसे गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में लगातार इजाफा हो रहा है।वही विभाग के द्वारा ऐसे सभी स्कूलों पर अंकुश लगाने के सारे दावे फेल होते नजर आ रहे है।ऐसे स्कूल ना केवल बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे है बल्कि अभिभावकों से लेकर शिक्षा विभाग की आंखों में खुलेआम धूल झोंक रहे है।वही शिक्षा विभाग मूकदर्शक बनकर ना जाने क्यों बच्चों के भविष्य को अंधकार में डलवा रहा है।ताजा मामला नोएडा के बरौला गांव स्थित एक स्कूल का है जो आठवी क्लास तक मान्यता होने के बावजूद 12वीं क्लास तक के बच्चों का दाखिला लेकर भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।आपको बता दे कि नोएडा के बरौला गांव स्थित न्यू बाल भारती विद्यालय में बरौला निवासी दया शर्मा 12वीं क्लास में पढ़ रही है।जबकि स्कूल के पास सिर्फ आठवी क्लास तक की मान्यता है।जिसकी जानकारी जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय से प्राप्त हुयी।वही दया शर्मा को इस साल बोर्ड एग्जाम में शामिल होना था।इसके लिए वह काफी समय से तैयारी भी कर रही थी।बीते 12 जनवरी को उनकी प्रैक्टिकल परीक्षा थी।वह स्कूल के करीब 50 छात्रों के साथ दादरी में स्थित शैफाली पब्लिक स्कूल में प्रैक्टिकल एग्जाम देने गई थी।वहां पर जाकर पता चला कि उनका 12वीं क्लास का बोर्ड एग्जाम देने के लिए पंजीकरण नहीं हुआ है। जिसके कारण इन छात्रों को बोर्ड एग्जाम में बैठने नहीं दिया जाएगा।
इस घटना के बाद दया शर्मा ने इस घटना की शिकायत जिला विद्यालय निरीक्षक व बेसिक शिक्षा विभाग से की।लेकिन फिर स्कूल के खिलाफ कोइ कार्रवाई नहीं हुयी।छात्रा के द्वारा की गई शिकायत के बाद एडीएम ने मामले का संज्ञान लेते हुए स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिये है।इस मामले में जांच के आदेश मिले।जांच में पाया गया कि न्यू बाल भारती विद्यालय फर्जी तरीके से चलाया जा रहा था। विद्यालय के पास केवल आठवीं क्लास तक के छात्रों को पढ़ाने की अनुमति थी, लेकिन 12वीं क्लास तक के छात्रों को भी पढ़ाया जा रहा था। पता चला है कि नौवीं क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक के छात्रों को पढ़ाने के लिए जिला निरीक्षक कार्यालय से केवल कोचिंग की मान्यता ली थी।अब यह मान्यता भी काफी समय पहले समाप्त हो चुकी है।अवैध तरीके से चल रहे इस स्कूल की वजह से छात्रों का एक साल बर्बाद हो गया।वहीं, दूसरी ओर दादरी का शैफाली स्कूल भी सवालों के घेरे में है।प्रैक्टिकल की परीक्षा देने के लिए न्यू बाल भारती विद्यालय से छात्र दादरी में स्थित शैफाली स्कूल में गए थे।इस पूरे मामले में शैफाली स्कूल की प्रिंसिपल मंजू वर्मा ने पल्ला झाड़ते हुये कहा कि उनको इस मामले की कोई भी जानकारी नही है।

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